होली हिंदु धर्म के प्रमुख त्यौहारो में से एक है जो फरवरी और मार्च के माह में आता है तथा हिंदु कैलंेडर के अनुसार फाल्गुन मास में बनाया जाता है। होली पर लाल, हरे, बैंगनी, गुलाबी, नीला, पीला रंग लोगो के चेहरे पर आराम से देखा जा सकता है। ये रंगो का त्योहार है जो कि पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है व रंग इस त्योहार में आकर्षकता व उल्लास लेकर आते है। चाहे वह बच्चे हो, युवा या फिर व्यस्क सभी इसे अपने अंदाज में मनाते है। अलग-ंउचय2 शहरो व प्रांतो में इसे वहा के अंदाज व रिवाज के अनुसार मनाते है। होली का माहौल इसके आने से कुछ दिन पहले ही बन जाता है फिर चाहे वह हाथ में गुब्बारा पकडे़ बच्चे हो या घर में बनती मिठाईयाॅ सबका अपना आनंद है। रंगो की बात करे तो इनका अपना ही महत्तव है, हर रंग का अपना स्वभाव होता है। संसार में रंगो की कोई सीमा नहीं है। यह संसार पंच तत्त्वो से बना हुआ है यह पांच तत्त्व है आकाश, वायु, अग्नि, जल एवं भूमि। जितने भी रंग है वह इन्ही पांच तत्वो प्रभावित होकर प्रतिबिम्बित हुए हैं। रंगो के अंदर हमारे मन एवं जिन्दगी को महत्वपूर्ण बनाने की क्षमता है। यह तथ्य फेंग-ंउचयशुई, वास्तु व रंगो के आधुनिक दर्शनशास्त्र से सिद्ध हो चुकी है। आईऐं देखते है कि होली के रंग जिनका प्रयोग हम करते है उनका का असल में क्या प्रभाव है। लाल रंग आग का प्रतिनिधि है और फेंग-ंउचयशुई के अनुसार भाग्यशाली व उर्जा के स्रोत के रुप में देखा जाता है। यह निपुणता के साथ-ंउचय साथ व्यक्तिगत तौर पर तेजी भी प्रदान करता है। युवा वर्ग के लोग इसे प्रयोग में लाऐं तो अच्छा रहेगा। नीला रंग-ंउचय नीला रंग अधिकतर लोगो का पसंदीदा रंग होता है। यह पानी तथा आकाश के लिए प्रकृति का रंग है, लेकिन आपने शायद ही इस रंग की कोई फल या सब्जी देखी होगी। नीला रंग स्वर्ग को दर्शाता है आज अधिकतर कार्पाेरेट ग्रुप में इस रंग का चलन है, फिर चाहे वह डेनिम की जींस ही क्यों न हो। नीला रंग लाल रंग की गर्मी, आग व तीव्रता की तुलना में ठंडा, गीला व धीमा है। पीला रंग-ंउचय पीले रंग की एक खास बात है यह अन्य रंगो की अपेक्षा तेजी से आपका ध्यान अपनी ओर खींचता है। यह रंग अपनी और आकर्षित करता है, यदि आप सामने की ओर देख रहे है और पीले रंग की कोई वस्तु आपके दायीं या बायीं ओर है तो आपका ध्यान अपने आप ही पीले रंग की वस्तु पर चला जाएगा। यह इस रंग की खासियत है। इसके अलावा यह रंग उल्लास का होता है फेंग-ंउचयशुई में इसे हंसमुख और सक्रियता के रुप प्रयोग किया जाता है। बच्चो के लिए यह रंग बेहद अच्छा है। बैंगनी रंग-ंउचय यह रंग इंद्रधनुष का सबसे शक्तिशाली तरंग दैध्र्य है। वास्तव में बैंगनी रंग के प्रतीको के मूल किसी भी अन्य रंग की तुनला में अधिक महत्वपूर्ण व दिलचस्प है। वैसे यह रंग रोमांस का भी प्रतीक है शादीशुदा जोड़े को इस रंग का प्रयोग अवश्य करना चाहिऐं। अमेरिका में बहादुरी के लिए पर्पल हर्ट के नाम से पुरस्कार भी है। हरा रंग-ंउचय यह रंग विकास, शिशु का जन्म व प्रजनन का माना जाता है। हरा रंग अधिकांश पश्चिमी सभ्यताओ में भाग्यशाली रंग माना जाता है। यह रंग शबाब का भी प्रतीक है। गुलाबी रंग-ंउचय इस रंग को सभी रंगो से अच्छा माना जाता है तथा होली का काफी प्रचलित रंग है। यह रंग स्त्री उर्जा और उसके बाद बिना शर्त प्यार का प्रतिनिधित्व करता है। हर देश में असंख्य सभ्यताऐं है तथा वह अपनी सभ्यता के अनुसार रंगो का चयन करते है। फेंग शुई व वास्तु के अनुसार हर रंग का अपना महत्व है। आप अपनी पंसंद के आधार पर इनका चयन कर सकते है।