रुकी, बंद व खराब घड़िया यानी वास्तुदोष

घडियों के बगैर जीवन लगभग अधूरा होगा। समय जानना और उसकी रफ्तार से तालमेल बैठाना जीवन का अनिवार्य अंग है। घडि़यां न सिर्फ जीवन का, बल्कि घर का भी अहम हिस्‍सा होती हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि यही घडि़यां शुभाशुभ प्रभाव भी देती हैं। घडि़यों को घर में कहां लगाना शुभ फलदायी है और कहां लगाना अशुभ । वास्तु और फेंग्‍शुई में घडियों को लगाने के सही स्‍थान का तर्क सहित वर्णन किया गया है। यह भी बताया गया है कि घडियों को कहां नहीं लगाना चाहिए। अक्‍सर लोग बेडरूम में आकर्षक दिखने वाली बड़ी दीवार घडी का इस्‍तेमाल करते हैं। फेंग्‍शुई के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए। बेडरूम में कभी भी बडी दीवार घड़ी न लगाएं। बेडरूम आराम करने और अंतरंग लम्‍हे शेयर करने का स्‍थान होता है। यहां वक्‍त आपकी रफ्तार के अनुसार चलना चाहिए, न कि आप वक्‍त की रफ्तार से चलने को मजबूर हों। फेंग्‍शुई के अनुसार, बेडरूम में दीवार घडी के स्‍थान पर छोटा सा अलार्म क्‍लॉक रखा जा सकता है, जिसे आप अपनी सहुलियत के अनुसार इस्‍तेमाल कर सकें। कहां लगाएं घडी बच्‍चों के कमरे में लगी दीवार घडी सकारात्‍मक ऊर्जा का संचार करती है। यह बच्‍चों को वक्‍त की अहमियत का भी एहसास कराती हैं।
दीवार घड़ी बैठक ((लिविंग रूम), रसोईघर, बच्‍चों के कमरे में और घर में बने ऑफिस यानी व्‍यावसायिक स्‍थल में लगायी जा सकती है। कुछ लोगों को तरह-तरह के आकार-प्रकार की घडियों को घर में सजाने का शौक होता है। अगर आप भी ऐसा ही शौक रखते हैं तो घडियों को अपने लिविंग रूम की दीवार पर या गैलरी में लगा सकते हैं। घडियों को घर में कभी भी ऐसे स्‍थान पर नहीं लगाना चाहिए, जिससे घर में प्रवेश करते ही आपकी नजर घड़ी पर पड़े। घडियों की किस्‍म भी सकारात्‍मक ऊर्जा को प्रभावित करती है। धातु की बनी घडी को पूर्व दिशा की दीवार पर नहीं लगाना चाहिए। टूटी हुई घडियों को भी घर में स्‍थान न दें। रूकी हुई, बंद या खराब घडी भी घर में नहीं लगानी चाहिए।

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