आम तौर पर जब हम सीढ़ियो की बात करते है तो हमारे जहन में ख्याल आता है कि किस तरह भवन की खूबसूरती निखारी जा सकती है। एक आर्किटेक्ट का खास ध्यान घर की सीढ़ियो पर भी होता है। अक्सर हम सुनते है कि सीढ़िया प्रगति का मार्ग होता है परंतु क्या यही सीढ़िया हमारी तरक्की में बाधा भी डाल सकती है। ऐसा संभव है यदि कोई चीज आपको शिखर तक पहुॅंचाने का मार्ग बना सकती है तो वही आपके नीचे उतरने का प्रावधान भी बना सकती है। वास्तु के प्रचलित होने से लोगो में जागरुकता तो आई है परंतु उतनी ही परेशानी भी उनको होती है क्योंकि अधिकतर जगह पढ़ने में यही आता है कि सीढ़िया हमेशा दक्षिण-पश्चिम में बनाऐं, परंतु जिनका घर उत्तर मुखी है उन्हे सबसे ज्यादा परेशानी होती है क्योंकि उन्हे घर के पिछले हिस्से से सीढ़िया देनी पड़ती है इससे उनके घर का आर्किटेक्टर बिगड़ जाता है तथा घर के डिज़ाईन को लेकर वह परेशान होते है, ऐसी मुसीबत केवल अधुरी जानकारी के आभाव में ही आ सकती है क्योंकि वास्तु के अंतर्गत ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि आप किसी चीज को केवल एक ही दिशा में बना सकते है, उसके लिए अन्य स्थान भी होते है। हॉं यह बात सत्य है कि वह उतने लाभकारी ना हो परंतु हम अपनी पंसंद, सुविधा और जगह को देखते हुऐं अपने घर को वास्तु के अनुरुप आकर्षक रुप दे सके ऐसा अवश्य संभव है।
सर्वोत्तम दिशा का चयन
- घर में सीढ़ियों के लिए सर्वोत्तम दिशा दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम है। अगर सीढ़ियां सही स्थान पर बनी हों तो बहुत से उतार-चढ़ाव व कठिनाइयों से बचा जा सकता है। सीढ़ियां कई प्रकार की होती हैं-लकड़ी की, लोहे की, पत्थर की। आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में सीढ़ियों ने भी आधुनिक रूप ले लिया है।
- दिशा के साथ-साथ सीढ़ियों की साज-सज्जा पर भी ध्यान देना चाहिए। सीढ़ियों की साज-सज्जा इस प्रकार की हो कि व्यक्ति को पता ही न चले कि वह कब पहली सीढ़ी से चढ़कर ऊपर पहुंच गया।
सीढ़ियों को अगर सही दिशा में न बनाया गया हो, तो यह एक गंभीर वास्तु दोष माना जाता है। इस दोष के कारण मनुष्य को अनावश्यक आर्थिक व निजी जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसका उचित उपाय तो सीढ़ियों का सही दिशा में स्थित होना ही है, किंतु यदि सीढ़ियां गलत दिशा में बनी हों और उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करना संभव न हो तो बिना तोड़-फोड़ के भी इस वास्तु दोष का निवारण किया जा सकता है। इसके लिए किसी कुशल वास्तु विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में स्टोन पिरामिड की स्थापना करनी पड़ती है।
यदि कोई चीज हमे सफलता की राह पर ले जाती है तो लाजमी है कि उसका सुंदर व आकर्षक तथा सही होना भी जरुरी है।
फेंगशुई को ध्यान रखना भी आवश्यक
- फेंगशुई के अंतर्गत आदर्श सीढ़िया वही होती है जो सही आकार की व ठोस हो, यदि सीढ़ियो के मध्य वाला भाग खुला रहेगा तो वह महत्तवपूर्ण ची को नष्ट करेगा।
- सीढ़िया हमेशा चौड़ी व व्यापक हो क्योंकि संकीर्ण बनावट वाली सीढ़िया शुभ फेंगशुई के अंतर्गत नहीं आती है।
- सीढ़ियो से नीचे का भाग कभी भी खाली न छोड़े आप यहा पर छोटा सा कोठरीनुमा कमरा दे सकते है, स्टोर रुम दे सकते है परंतु उसे सुज्जित व संगठित तरीके से बनाऐं। सीढ़ियो के नीचे कोई फिश ऐक्वेरियम व अन्य जल संबंधित कोई उपकरण न रखे इससे शुभ ची का रिसाव होता है और उस घर के सदस्यो को धन एकत्र करने में काफी परेशानी आती है।
- सीढ़ियो के नीचे बाथरुम बनाने से भी इसी प्रकार की परेशानी आती है, फिर चाहे उसकी दिशा ठीक भी हो तो भी वह नुकसानदायक साबित होता है।
- घर को आकर्षक रुप देने के लिए व जमीन का कम भाग प्रयोग में लाने के लिए अक्सर डिज़ाईनर व आर्किटेक्ट सीढ़ियो का घुमावदार रुप दे देते है जो कि आजकल बाज़ार में भी उपलब्ध होती है परंतु यह बेहद नुकसानदायक होती है क्योकि घर की ची उर्जा को निष्कासित कर देती है। जिसके चलते अनेक समस्याऐ आती है।
- सीढ़ियो के पास फूलदान ल्रगा सकते है जिसमें की पीले रंग के फूल हो, यह घर के अंदर काफी अच्छी उर्जा का संचालन करते है।
इस प्रकार आप अपने घर में सीढ़ियो को वास्तु व फेंगशुई के अनुसार बना सकते है तथा वह व्यक्ति जिनके घर में सीढ़िया गलत भी है इसकी सहायता से दोष को कम कर सकते है।